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हर दिल खास है(Every heart is special)

दिमाग और दिल में से जो जीत जाए वह दिल है, जीत कर भी दूसरो लिए हार मान जाए वह दिल है, मुश्किल में जो साथ निभाए वह दिल है, दिल सबका खास होता है।। दिखता नहीं किसी को ये, पर इसका एहसास बहुत खास होता है, धड़कता रहता है ये जब तक जिंदगी का साथ होता है, इसके रुकने से ही मौत का एहसास होता है, दिल सबका खास होता है।। हमेशा ख़याल रखो इसका, क्योंकि बहुत नाजुक इसका एहसास होता है, अपना हो या अपनों का, दिल तो हर किसी का खास होता है।।

नवरात्रा

नवरात्रों के पावन दिन आए है, चारों ओर सब ने माता के मंदिर सजाए हैं, धूमधाम से मिलकर सब ने माता के गीत गाए हैं, शारदीय नवरात्र आए हैं।। प्रथम दिन माँ शैलपुत्री के गुण आज गाए हैं, दिव्य माता की महिमा अलौकिक छाई है, नवरात्रों ने चारों ओर डांडिया की धूम मचाई है, आस्था यहां व्रत और उपवास में बदल आई हैं, मां ने हमेशा अपने भक्तों की बिगड़ी बनाई है।।

अमर गाथा

कोई स्वराज दिला कर चल गया, कोई राष्ट्रभक्ति जगा कर चला गया, इस धरती पर जो भी आया खाली हाथ चला गया।। किसी का नाम हमेशा के लिए अमर हो गया, तो किसी का उसके साथ ही खत्म हो गया, पर जो भी देश भक्ति में लिन हुआ, वह हमेशा के लिए अमर हो गया।।

वो जिंदगी किस काम की ? (The purpose of this life?)

पल भर में जो बदल जाए वो दोस्ती किस काम की, किसी के काम ना आए तो यह जिंदगी किस काम की, हजार मित्र बनाएं मगर एक को भी ना पहचान पाए, ऐसी मित्रता  किस काम की, किसी के काम ना आए तो यह जिंदगी किस काम की ।।

राष्ट्रीय फूल (National Flower)

कली से जो फूल बन गया वो तो गुलाब है, जो टूट के भी निखर गया वो तो सच में लाजवाब है।। कली से जो फूल बन गया वो तो गुलाब है, पर फूल बन कर भी जो चारों दिशाओं मैं खिल गया, वो कमल तो सच में लाजवाब है।। जिनकी सुगंध चारों ओर फैल गई वो तो गुलाब है, पर जिसकी महक से चारों ओर चहक फैल गई , वो कमल तो सच में लाजवाब है।।

स्त्री शक्ति (Women Empowerment)

कभी किसी स्त्री को कम मत समझना, ब्रह्मा विष्णु शिव जिसके सामने शीश झुकाए, वह जगदंबा कहलाए, हर स्त्री में जगदंबा का वास है, हर स्त्री में कुछ ना कुछ खास है II तीनो लोक जिस के गुण गाए, वह जगदंबा कहलाए, जिसके होने से यह जीवन चक्र चलता जाए, वह एक माँ कहलाए, जो हर वक्त पुरुष को उसकी रक्षा का एहसास दिलाए, वह बहन कहलाए II

आग-"बस जलती रहे"(Aag- A Poem based on Article 370)

चिंगारी मेरे सीने में ना सही तेरे सीने में ही सही, कहीं भी हो बस जलती रहे इस तेज के साथ कि, दुश्मनों में  बस आग लगा दे।। सरहद पर जो तूने लगाई आग, अब देख तुझे कैसे करती है राख, अब घर घर में चिंगारी उठ आई है, हर देशभक्त ने तुझे भस्म करने की कसम खाई है।।