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Showing posts from September, 2020

बेटी

कभी-कभी मेरा मन भी विचलित हो जाता, प्रश्नों का भंडार खड़ा हो जाता , क्यों होती बेटी की विदाई , क्यों सहनी पड़ती उसको अपनों से जुदाई , क्यों हर बार चोट उसको ही लगाई ? अपनी खुशियों को छोड़ , क्यों उसे दूसरों की खुशियां थमाई , बजा के तूने शहनाई , बड़े दुख से कर दी उसकी विदाई , वह पूछती रह गई , पर किसी के मुंह से आवाज ना आई । ऐसे अजीब रिवाजों को देख बेटी सेहमाई , पर सब की मर्जी और रिवाजों के आगे , वह भी कुछ ना कर पाई , भरी आंखों से नर्म होठों से , उसके भी मन मै एक आवाज आई , बेटी कह के भी कर दी पराई । जननी और उसकी जान की होती यह कैसी जुदाई , जिसको देख कर हर किसी की आंख भर आई , सीने से लगाकर बड़े प्यार से रोते हुए , क्यों कर दी सब ने अपनी बेटी की विदाई , यह सब देख बेटी को बहुत रोना आया , पर उसके प्रश्नों का उत्तर आज तक कोई नहीं दे पाया । पर फिर भी बेटी ने अपना सारा फर्ज निभाया , एक ही नहीं बल्कि दो परिवारों को सजाया , सब में प्रेम जगाया हर रिश्ते  को बखूबी निभाया , सहा खुद दुख पर किसी को भी इसका एहसास ना दिलाया। बेटी ने दो दो घरो को सजाया । बेटियों का सम्मान कर

गुरु

 गुरु गंगा की धार हैं गुरु गीता का सार हैं ,गुरु से उज्ज्वल ये संसार हैं गुरु से ही जीवन का उद्धार हैं। भटके हुए का मार्ग हैं गुरु ,तेरी मंजिल के पथ का सच्चा साथी हैं गुरु,अगर दीया तू तो  बाती हैं गुरु ,अंधेरों में भी रोशनी जला दे ऐसे साथी हैं गुरु । तू अगर पंछी हैं तो तेरी उड़ान की पहचान हैं तेरे गुरु ,तु फुल हैं तो तेरी सुगंध की पहचान है तेरे गुरु, तु हैं अगर स्वाभिमानी तो तेरा अभिमान हैं गुरु, तेरी उन्नति की पहचान है गुरु ,असल मैं इस धरती का भगवान हैं गुरू। कभी प्रेम से तो कभी डाट से समझाऐ गुरु कभी हाथ पकड़कर तो कभी कलम पकड़ के बताये गुरु गलती पर समझये गुरु तेरा हौसला हमेशा बढाए गुरु निराशा में आशा जगाए गुरु। ख़तरों से लड़ना सिखाए गुरु जीवन मे आगे बढ़ना सिखाए गुरु मुश्किल में मार्ग बताए गुरु जीवन का लक्ष्य बताए गुरु असल मे दुनिया मे जीना सिखाए गुरु जीवन सफल कराए गुरु । तीनों लोक जिनके गुन गाते ब्रहमा ,विष्णु ,महेश शीश झुकाते स्वंम गोविंद गुरु को आगे बताते जीवन का उद्धार हैं ,गुरु मैं ही सफलता का मार्ग है गुरु उमीदों का चिराग हैं । "Happy Teacher's Day " गुरु ज्ञान का प्रकाश