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Showing posts from 2020

जिंदगी की रेस में बच्चों का बचपन कही खो गया।

 जिंदगी की रेस में बच्चों का बचपन कही खो गया परिवर्तन ये बड़ा अजीब हो गया । वो बारिश के मौसम में कागज की कश्ती तैराना, वो बारिश के पानी में दोस्तो संग नाचना-गाना,वो रेत के टीलों पर अपना-अपना घर बनाना, शोर -गुल के साथ गिल्ली-डंडा उड़ाना,वो बात बात पर रूठना-मनाना सब न जाने कही सो गया ,जिंदगी की रेस में बच्चों का बचपन कही खो गया। वो दादी-नानी की कहानियां सारी- सारी रात सुनना ,वो परियो और भूतों में बेहतरीन यकीन करना, वो छत पर सोते हुए अस्मा में यु तेरे गिनना ना जाने कहाँ खो गया ,जिंदगी की रेस मैं बच्चों का बचपन कही सो गया।  वो बचपन मे माँ का लोरी सुनाना, पिता का प्यार से कंधे पर बिठाना ,वो माता-पिता का बच्चों के साथ दोस्तों की तरह खेलते,नाचते,गाना हस्ते हँसाते उनको पढना ना जाने कहा खो गया जिन्दगी की रेस मैं बच्चों का बचपन कही खो गया। वो गलती करने पर मासूम सी शक्ल बनाना डाट से बचने के लिए आँसू बहाना, भरपूर नोटंकी दिखा-दिखा कर सबका दिल बहलाना,वो रोज नए सपने देख सबको बताना, हँसना-रोना तो कभी बड़ा सा मुँह फूलना सच मे बड़ा यादगार था, बचपन का हर किस्सा अब कही खो ,गया जिंदगी की रेस में बच्चों का बचपन

तेरी आज की मेहनत ही तेरी कल की सफलता का राज हैं।

जिस हिम्मत से तूने कदम बढ़ाया है, मुश्किलों से लड़ने का जो तूने हौसला खुद में जगाया है, देख उस खुदा ने भी कितनी शिद्दत से, तेरे रास्तों के कांटों को हटाया है, तुझे रास्ता दिखाया है। जिस सपनों को तूने सजाया है, जिन को पूरा करने के लिए तूने दिन-रात खुद को जगाया है, हो रहा असफल फिर भी उसे पाने के लिए जी जान तूने लगाया है, मिलेगा वह पद भी तुझे जरूर, क्योंकि उस रब ने मेहनत को सबसे ऊपर बताया है। जिस चीज को पाने के लिए तूने अपना सब कुछ गंवाया है, जिसके लिए तूने हर चोट को अपनाया है, एक दिन जीत तेरी भी जरूर होगी, क्योंकि तू हार से ना कभी घबराया है, ना कभी मैदान छोड़कर भाग आया है। जिस मुसीबत से डरा नहीं तू, Add caption किस्मत के सामने झुका नहीं तू, उसकी तो मंजिल भी मोहताज है, कदम बढ़ा तू क्योंकि, सजेगा जरूर एक दिन तेरे सर पे भी ताज है, आज की मेहनत तेरी कल की खुशियों का राज है। जिस यकीन से तूने मंजिलों को पाने की कोशिश की है, उस यकीन से ही तेरी किस्मत भी झुकी है, साबित कर देगी तेरी मेहनत भी, एक दिन सबको की मेहनत के सामने सारी दुनिया झुकी है। "अगर जिद तेरी पक्क

बेटी

कभी-कभी मेरा मन भी विचलित हो जाता, प्रश्नों का भंडार खड़ा हो जाता , क्यों होती बेटी की विदाई , क्यों सहनी पड़ती उसको अपनों से जुदाई , क्यों हर बार चोट उसको ही लगाई ? अपनी खुशियों को छोड़ , क्यों उसे दूसरों की खुशियां थमाई , बजा के तूने शहनाई , बड़े दुख से कर दी उसकी विदाई , वह पूछती रह गई , पर किसी के मुंह से आवाज ना आई । ऐसे अजीब रिवाजों को देख बेटी सेहमाई , पर सब की मर्जी और रिवाजों के आगे , वह भी कुछ ना कर पाई , भरी आंखों से नर्म होठों से , उसके भी मन मै एक आवाज आई , बेटी कह के भी कर दी पराई । जननी और उसकी जान की होती यह कैसी जुदाई , जिसको देख कर हर किसी की आंख भर आई , सीने से लगाकर बड़े प्यार से रोते हुए , क्यों कर दी सब ने अपनी बेटी की विदाई , यह सब देख बेटी को बहुत रोना आया , पर उसके प्रश्नों का उत्तर आज तक कोई नहीं दे पाया । पर फिर भी बेटी ने अपना सारा फर्ज निभाया , एक ही नहीं बल्कि दो परिवारों को सजाया , सब में प्रेम जगाया हर रिश्ते  को बखूबी निभाया , सहा खुद दुख पर किसी को भी इसका एहसास ना दिलाया। बेटी ने दो दो घरो को सजाया । बेटियों का सम्मान कर

गुरु

 गुरु गंगा की धार हैं गुरु गीता का सार हैं ,गुरु से उज्ज्वल ये संसार हैं गुरु से ही जीवन का उद्धार हैं। भटके हुए का मार्ग हैं गुरु ,तेरी मंजिल के पथ का सच्चा साथी हैं गुरु,अगर दीया तू तो  बाती हैं गुरु ,अंधेरों में भी रोशनी जला दे ऐसे साथी हैं गुरु । तू अगर पंछी हैं तो तेरी उड़ान की पहचान हैं तेरे गुरु ,तु फुल हैं तो तेरी सुगंध की पहचान है तेरे गुरु, तु हैं अगर स्वाभिमानी तो तेरा अभिमान हैं गुरु, तेरी उन्नति की पहचान है गुरु ,असल मैं इस धरती का भगवान हैं गुरू। कभी प्रेम से तो कभी डाट से समझाऐ गुरु कभी हाथ पकड़कर तो कभी कलम पकड़ के बताये गुरु गलती पर समझये गुरु तेरा हौसला हमेशा बढाए गुरु निराशा में आशा जगाए गुरु। ख़तरों से लड़ना सिखाए गुरु जीवन मे आगे बढ़ना सिखाए गुरु मुश्किल में मार्ग बताए गुरु जीवन का लक्ष्य बताए गुरु असल मे दुनिया मे जीना सिखाए गुरु जीवन सफल कराए गुरु । तीनों लोक जिनके गुन गाते ब्रहमा ,विष्णु ,महेश शीश झुकाते स्वंम गोविंद गुरु को आगे बताते जीवन का उद्धार हैं ,गुरु मैं ही सफलता का मार्ग है गुरु उमीदों का चिराग हैं । "Happy Teacher's Day " गुरु ज्ञान का प्रकाश

ऐसा महान मेरा हिंदुस्तान है।

जिसके हर कदम पर वीरों का बखान है , चारों तरफ हरियाली सा भरा मैदान है , दीपो और रंगों की शान आन है , खूबसूरती जिसकी सारे जग में बखान है , ऐसा प्यारा मेरा हिंदुस्तान है । जहां गंगा यमुना जैसी नदियों का आगमान है , जहां प्रेम की मूरत ताजमहल विद्यमान है , जहां चारों और तीर्थ स्थान है , जहां रोज सुबह भजन संगीत और घंटियों का गुणगान है , ऐसा महान मेरा हिंदुस्तान है । एकता जिसकी शान है , जन गण जिसका राष्ट्रगान है , जहां लाखों तीर्थ स्थान है , जहां सबके लिए प्रेम और सम्मान है , जिसकी संस्कृति उसकी शान है , जहां मिलती सोने की खान हैं ऐसा महान मेरा हिंदुस्तान है । हिमालय पर्वत जहां विद्यमान है , हर जगह जहां आस्था के निशान हैं, अमन और चैन बस्ता   यहाँ हिंदु मुस्लिम सिख ईसाई हम सब हैं भाई भाई नारा जचता यहाँ ऐसा मेंरा देेेश महान हैं। हर रंग में छिपा देश का गुणगान है , अशोक चक्र जैसा राष्ट्रीय स्तंभ , जो राष्ट्रीय चिन्ह के लिए बखान है , जहां मात-पिता ईश्वर के समान है , ऐसा मेरा हिंदुस्तान है । सदियों से इसक

Friendship Day Special

" Happy friendship day " सुना हैं मोहब्बत मिट सकती हैं ,  पर देखा हैं दोस्ती कभी दफन नही होती,    सच्चे यारों में कभी ग़द्दारी नही होती और ,      आजमाया हैं हमने इस दुनियां में दोस्ती से अच्छी ,        कोई रिश्तेदारी नही होती दोस्तो जैसी कही यारी नहीं होती हर कोई दौलत का मोहताज नहीं होता  हर किसी के सर पर बादशाह का ताज नहीं होता  अगर होते ना हमारी जिदंगी में आप जैसे बेहतरीन दोस्त  तो ये जिदंगी का हर दिन इतना खास नहीं होता।। वो हर फैसलों में दोस्तों का तुम्हारा साथ निभाना  तुम्हारी गलती पर तुम्हें समझाना  मुसिबत से तुम्हे बचाना  तेरे रूठने पर तुझे बेतहाशा मनाना।।  तेरे साथ मिलकर हंसना  गाना तेरे उदास होने पर  तुझे सीने से लगाना  तेरे रोने पर उसके आसुओं का निकल आना।।।  तेरी हर पसंद नापसंद का ख्याल जिसको हमेशा आना  तेरे जन्मदिन की खुशियों को महिनो पहले ही मानाना  भुखड़ो कि तरह वो हर छोटी चीज की पार्टी मागते जाना।।  तेरी खामोशियो को पल भर में समझ जाना  नई नई तरकिबो से तुझे मनाना  तेरे सामने तेरी हंसी और पीठ पिछे तेरी तारीफों की कतार लगाना ।।  वो तेरा बेखौफ होकर उसको हर शोक बताना  त

हर हर महादेव!!

आया महाशिवरात्रि का त्यौहार हैं दिखी शिव भक्तो में शिव भक्ति की बौछार हैं पुजन को भस्म तैयार है आए महादेव होके नंदी पर सवार हैं महादेव की लीला अपरमपार हैं करते भक्तों का उद्धार हैं शिवालयों मैं गूजें शिव की जय जय कार हैं। सिर में जटा , जटा मैं गंगा ,गले मैं विशधर नाग विराजे, हाथ मैं डमरू त्रिशूल संग बाजे ,नंदी संग करें सवारी ,सर पर चंद्रमा चंचल मुँख धारी,मुँख मदुल सुदर नैयन माथे त्रिनेत्र शोभित अति प्यारी गले रूद्राक्ष संग माँ सति विराजे शोभा अपरमपार साजे। मनविभोर ,अद्भुत, अलोकिक, अलंकृत जिनका अवतार हैं आदिशक्ति संग विराजे महादेव कैलाश पर गूजें भोलेनाथ की जयजयकार हैं भांग ,धतूरा, बेलपत्रों, अकडो़ से सजा भोले तेरा दरबार हैं भक्त दरशन को आतुर कर रहे तेरा इंतजार है भोले भंडारी करते भक्तों को भवसागर पार हैं। वो दिन दयालु हैं सबसे कुंपालु हैं, त्रिनेत्र धारी ,त्रिलोचन ,त्रिलोकी नाथ सबके रखवाले हैं, देवताओं संग दानव भी करते पूजन जिनका वो देवो के देव महादेव कहलाने वाले हैं, काल भी भयभीत जिनसे वो महाकालेश्वर शिव भक्तों के रखवाले हैं । आओ.मिलकर मस्त मगन हो जाओ शिव भक्ति मैं खो जाओ शिव से साची प

झाँसी की रानी महारानी लक्ष्मीबाई।

बचपन से ही जिसने स्वतंत्रता के लिए अपनी तलवार उठाई थी, स्वाभिमान से जीना जिसकी स्वयं की लड़ाई थी , पुरुषों के समान घुड़सवारी और तलवारबाजी , जिसको तात्या गुरु ने सिखाई थी , वह शूरवीर शेरनी रानी लक्ष्मीबाई थी । सन सत्तावन में उसने क्रांति जगाई थी , दूर फिरंगी को करने की उसने सौगंध खाई थी , दुश्मनों को उसने भी कई बार धूल चटाई थी , उसने अपने और अपनों के सम्मान के लिए लड़ी लड़ाई थी , वह वीर पूज्यनीय लक्ष्मीबाई थी । क्रांति की ज्वाला जिसने सब में जलाई थी , क्या स्त्री क्या पुरुष सब ने मिलकर आवाज उठाई थी , हर स्त्री ने उस समय चूड़ी नहीं तलवार की धार बढ़ाई थी , हारी नहीं कोई भी स्त्री क्योंकि इनकी नेता वीरांगना लक्ष्मीबाई थी । बचपन में ही जिसने बड़े बड़ों को धूल चटाई थी , अंग्रेजों से उनकी नींद चुराई थी , अपने देश के गुलामी से आजाद हिंद बनाने के लिए , जिसने तलवार उठाई थी , वह वीर स्त्री लक्ष्मी बाई कहलाई थी । मोरोपंत की पुत्री कहलाई थी , तीर तलवार भाला जिसको , उसने अपनी सच्ची शक्तियां बताई थी , क्या हिंदू क्या मुस्लिम उसने सब में ज्वाला जगाई थी , दुश्मनों को मार गिर

वर्दी का रंग सफेद हुआ।।।।

वर्दी का रंग बदला हैं इसबार सफेद रंगो मैं धारण होकर सेवक आए हैं नमन कर रही हैं पूरी सरजमीं इनको अपने परिवारों को छोड़ ,ये अपनों की जान बचाने आए हैं, इस बार सफेद खाखी मैं फरिश्ते आए हैं ,मातृभूमि की रक्षा करने  माँ भारती के कर्मवीर आए हैं। कल तक सरहदों पर जो खड़े थे वो वतन के रखवाले थे आज सरहदों के अंदर ही खड़े सबकी जान बचाने सेवक आए हैं ,इसबार सफ़ेद कपड़ो मैं फरिश्ते आए हैं। रंग केवल वर्दी का बदला हैं ,जोश वहीं पुराना हैं, दुश्मन घर का हो या बाहर का मिलकर उसको मिटाना हैं ,अपने वतन को बचाना है। भुरे रंग की वर्दी से खाखी का रंग सफ़ेद हो गया बंदूकों के बजाए शरीर पीपीटी किट में कैद हो गया उस फरिश्ते का पुरा दिन दवाइयों से दुश्मनों को मारने में खो गया वो डॉक्टर बिना खाये - पिये मरीजों के इलाज मैं मग्न हो गया बिना नींद लिए वो सारी रात दिन देश की सेवा में एक हो गया। वर्दी का रंग बदला है ,उमीदें आज भी वही है ,सरहदों की लाज भी यही है, सफ़ेद रंगो मैं ये वीर हैं ,अब जीवन की अरदास भी यही है बच पा रहे हम तो उसका राज भी यही हैं ईश्वर का आशीर्वाद भी यही है। ना जाने फिर भी क्यों हो रहा इनपर वार हैं जबकि इन स

कारगिल विजय दिवस(Tribute to kargil Soldiers)

 सन्न 1999 की वो लड़ाई थी एक आंधी जोर से आई थी वीरो ने धुल दुश्मनो को चटाई थी न झुकें थे हम कभी न झुकेंगे ये बात सिद्ध करके दखाई थी। ये माटी कर रही तुम्हारी जय जय कार हैं इतिहास गवाह विजय दिवस पर नमन कर रहा शहीदो को पूरा हिंदुस्तान हैं आज भी उस चोटी पर वीरो के लहु के निशान हैं ये भारत माँ की साँची संतान हैं। नमन शहीदो के बलिदान को,नमन शहीदो के स्वाभिमान को,  नमन करता पूरा भारत गर्व से हमारे जवानों कि शान को मात्रुभूमि के वीर जवानों  को। ये जमी तुम्हारी कर्जदार हैं,  इसके कण -कण मैं गुजी तुम्हारी पुकार हैं, तेरी ललकारो से गूँजी कश्मीर की घाटी बार बार हैं,  देश का पत्ता पत्ता करता शहीदो की जय जयकार है, नमन शहीदो को करता ये सारा संसार हैं।

याद इन्हें रखना (माँ -पिता)

जब भी मैं हारू मेरा हौसला बढ़ाना, जब भी मैं निराश होऊ  मुझ में आशा जगाना, मेरे माँ तुम मुझे हर पल रास्ता दिखाना, मुझे हर मुसीबत से बचाना, मुझमें उम्मीद की किरण जगाना। जब मैं रोऊं तब मुझे हंसाना, मेरे होठों पर मुस्कुराहट तुम लाना, जब मैं उलझू मुझे सुलझाना, मुझे हर उलझन से बचाना, मेरे पापा हमेशा तुम मेरा  इसी तरह साथ निभाना, मेरी हिम्मत बन जाना, जब भी कोई मुसीबत आए, मुझे उससे लड़ना सिखाना।

वीरो की कहानी उनकी जुबानी

भिगोकर वह वीर अपनी वर्दी, खून से एक कहानी कह गए, बिना सोचे समझे, वो मुल्क को अपनी जवानी दे गए, मना रहे थे तब जब हम-तुम प्रेम के पल, सच्ची देश भक्ति की कहानी कह गए।