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वर्दी का रंग सफेद हुआ।।।।

  • वर्दी का रंग बदला हैं इसबार सफेद रंगो मैं धारण होकर सेवक आए हैं नमन कर रही हैं पूरी सरजमीं इनको अपने परिवारों को छोड़ ,ये अपनों की जान बचाने आए हैं, इस बार सफेद खाखी मैं फरिश्ते आए हैं ,मातृभूमि की रक्षा करने  माँ भारती के कर्मवीर आए हैं।
कल तक सरहदों पर जो खड़े थे वो वतन के रखवाले थे आज सरहदों के अंदर ही खड़े सबकी जान बचाने सेवक आए हैं ,इसबार सफ़ेद कपड़ो मैं फरिश्ते आए हैं।
रंग केवल वर्दी का बदला हैं ,जोश वहीं पुराना हैं, दुश्मन घर का हो या बाहर का मिलकर उसको मिटाना हैं ,अपने वतन को बचाना है।
  • भुरे रंग की वर्दी से खाखी का रंग सफ़ेद हो गया बंदूकों के बजाए शरीर पीपीटी किट में कैद हो गया उस फरिश्ते का पुरा दिन दवाइयों से दुश्मनों को मारने में खो गया वो डॉक्टर बिना खाये - पिये मरीजों के इलाज मैं मग्न हो गया बिना नींद लिए वो सारी रात दिन देश की सेवा में एक हो गया।
वर्दी का रंग बदला है ,उमीदें आज भी वही है ,सरहदों की लाज भी यही है, सफ़ेद रंगो मैं ये वीर हैं ,अब जीवन की अरदास भी यही है बच पा रहे हम तो उसका राज भी यही हैं ईश्वर का आशीर्वाद भी यही है।
  • ना जाने फिर भी क्यों हो रहा इनपर वार हैं जबकि इन सबका हमपर हैं उपकार बचा रहे यही हमारा संसार हैं इस वक़्त हर डॉक्टर, नर्स, पुलिसकर्मी, सुरक्षाकर्मी, कर्मचारी मानो जैसे ईश्वर के अवतार हैं इस बार सफेद रंग मैं आए वर्दी के हक़दार हैं।
इन सबका हौसला तुम बढ़ाओ ये जंग हम सबकी हैं मिलकर योद्धा बन जाओ इन कर्मयोद्धा की कर्मभूमि को कोरोना से बचाओ इनका सम्मान करो इनका साथ निभाओ घरों मैं रह कर आपन अपना फर्ज निभाओ ।
इस बार वर्दी का रंग बदला हैं सफेद रंगो मैं कर्मवीर आए हैं फरिश्तो का रूप वो लाए हैं।।।।
  • जय हिंद जय भारत जय कर्मवीर।।।

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