भिगोकर वह वीर अपनी वर्दी, खून से एक कहानी कह गए, बिना सोचे समझे, वो मुल्क को अपनी जवानी दे गए, मना रहे थे तब जब हम-तुम प्रेम के पल, सच्ची देश भक्ति की कहानी कह गए।
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