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वीरो की कहानी उनकी जुबानी

भिगोकर वह वीर अपनी वर्दी,
खून से एक कहानी कह गए,
बिना सोचे समझे,
वो मुल्क को अपनी जवानी दे गए,
मना रहे थे तब जब हम-तुम प्रेम के पल,
सच्ची देश भक्ति की कहानी कह गए।
हमको वो एक कहानी कह गए,
जाते जाते एक जुबानी कह गए,
मार गिराओ तुम अब उनको,
जो यह विरानी दे गए।

वतन को चाहने वाले,
अब तुम अपना फर्ज निभाओ,
दुश्मनो को अब तुम मार गिराओ।

मेरे लहु  का बदला,
अब तुम सब उनके लहु  से लाओ,
दर्द क्या होता है अपनो को खोने का,
यह सबक उनको सिखलाओ।

मेरी तम्मना थी !
अपने वतन के लिए कुछ कर गुजरने की,
अब तुम सब अपना फर्ज निभाओ,
मेरी मौत का बदला,
तुम भी उनकी मौत से लाओ।

मेरे परिवार को,
तुम सब अपना परिवार कह के सहलाओ,
और उनको बतलाओ,
तेरे लाल ने कुल की लाज बचाई,
उस पर तुम भी गर्व से सिना फैलाओ,
मैने लाखो परिवारो की लाज़ बचाई,
अब तुम मेरे परिवार को सहलाओ।

उठ खडे हो जाओ,
मेरा साथ निभाओ,
हिंदुस्थान की सर जमीन पर,
खडे हर दुश्मन को अब तुम मार गिराओ,
अपने वतन के लिए हम हुए न्योछावर,
अब हमें तुम तिरंगे मै लहराओ।

याद हमारे बलिदान को रखना,
व्यर्थ न जाने देना,
अब तुम मिलकर इसका कर्ज चुकाओ,
जो भी हो उसका नामू निशान मिटाओ।।

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