Skip to main content

ऐसा महान मेरा हिंदुस्तान है।


जिसके हर कदम पर वीरों का बखान है ,
चारों तरफ हरियाली सा भरा मैदान है ,
दीपो और रंगों की शान आन है ,
खूबसूरती जिसकी सारे जग में बखान है ,
ऐसा प्यारा मेरा हिंदुस्तान है ।

जहां गंगा यमुना जैसी नदियों का आगमान है ,
जहां प्रेम की मूरत ताजमहल विद्यमान है ,
जहां चारों और तीर्थ स्थान है ,
जहां रोज सुबह भजन संगीत और घंटियों का गुणगान है ,
ऐसा महान मेरा हिंदुस्तान है ।

एकता जिसकी शान है ,
जन गण जिसका राष्ट्रगान है ,
जहां लाखों तीर्थ स्थान है ,
जहां सबके लिए प्रेम और सम्मान है ,
जिसकी संस्कृति उसकी शान है ,
जहां मिलती सोने की खान हैं
ऐसा महान मेरा हिंदुस्तान है ।

हिमालय पर्वत जहां विद्यमान है ,
हर जगह जहां आस्था के निशान हैं,
अमन और चैन बस्ता 
 यहाँ हिंदु मुस्लिम सिख ईसाई हम सब हैं भाई भाई नारा जचता यहाँ ऐसा मेंरा देेेश महान हैं।

हर रंग में छिपा देश का गुणगान है ,
अशोक चक्र जैसा राष्ट्रीय स्तंभ ,
जो राष्ट्रीय चिन्ह के लिए बखान है ,
जहां मात-पिता ईश्वर के समान है ,
ऐसा मेरा हिंदुस्तान है ।

सदियों से इसकी वीरता का बखान है ,
इतिहास के पन्नों मैं भरा पड़ा वीरों का गुणगान है ,
क्या स्त्री और पुरुष जहाँ हर कन्या में छिपा ,
लक्ष्मी बाई का बलिदान है ,
ऐसा मेरा हिंदुस्तान है ,

दुश्मन की भी मदद करना ,
किसी से बैर नहीं करना ,
हमेशा सत्य की राह पर चलना ,
बड़े बुजुर्गों का आदर करना ,
जहां हर घर में ऐसी शिक्षा का बखान है ,
ऐसा केवल मेरा हिंदुस्तान है ।

जहां प्रेम पूज्यनीय है जहां नारी देवी के समान है ,
बच्चे भगवान का रूप है ऐसा सम्मान है ,
जहां भक्ति और शक्ति दोनों का भरा पड़ा अंबार है ,
जहां मीरा के श्याम विराजमान है ,
ऐसा महान मेरा हिंदुस्तान है ।

जहां राम और रहीम साथ विराजमान है ,
जहां केसरिया और हरा जा मिला वही हिंदुस्तान है ,
सफेद इसकी शांति का गुणगान है ,
एकता की ताकत तभी तो भाईचारे के लिए ,
केवल हिंदुस्तान का बखान है ।

जहां स्वयं से ज्यादा अपनों के लिए स्थान है ,
जहां की मिट्टी की सुगंध में भी फूलों की सुगंध का अनुमान है ,
जहां सोने की चिड़िया का पूछ निशान है ,
तितली भंवरों का गुणगान है ,
ऐसा मेरा हिंदुस्तान है ।

जहां हर ख्याति व्यक्ति की कहानी ,
उसके संघर्ष और मेहनत के बल पर बखान है ,
जहां गरीब के घर से भी हमेशा ताज निकल आए ,
जिसने चारों ओर उजाला फैलाया ,
ऐसे महान व्यक्ति हिंदुस्तान में पाया ।

जहां की भक्ति में इतनी ताकत की मुर्दे को जिंदा बनाया ,
जहां की शक्ति में इतनी ताकत की पर्वत की चोटी पर ध्वज लहराया, चांद पर भी जो पैर रख आया हर युग में नाम कमाए
ऐसा मेरा हिंदुस्तान है ।

मुझे गर्व मेरी धरती महान है ,
इसके कण-कण में भारत मां की शान है ,
चारों ओर "भारत मां की जय" के गुणगान है ,
जहां होती धरती मां की पूजा ,
ऐसा केवल हिंदुस्तान है ।

मेरा देश महान है मुझे इस पर अभिमान है ,
प्रेम करो वतन से यारो यही जीना मरना यही सम्मान है ,
इसी की वजह से तुम्हारी भूख प्यास और शान शोहरान है ,
अपने राष्ट्र से बड़ा कुछ नहीं बस यही हिंदुस्तान है ।

इसकी रक्षा करना हमारा पहला कर्तव्य है ,
इसकी भक्ति शक्ति हरियाली संस्कृति हमारी शान है ,
इससे ही तो तुम में और सारा हिंदुस्तान है ,
एक आदर्श राष्ट्रीय के सारे गुण जिसमें विराजमान है ,
सच कहूं केवल वह बस हिंदुस्तान है ,
मेरा देश महान है सबसे प्यारा हिंदुस्तान है।

"भारत माता की जय"
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।।।।

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

Ahead towards independence

  बस जगह-जगह क्रांतिकारियों की बड़ी-बड़ी तस्वीरें  नोट पे बापू की फोटो,लाल गेट पर तिरंगा  विद्यालयों में विंध्य हिमाचल यमुना गंगा  सरकारी दफ्तरों में देशभक्तों की तस्वीरो से दीवारों को रंगा  क्या इतनी सी आजादी काफी है ?  क्या सिर्फ इतनी सी आजादी के लिए  रानी लक्ष्मीबाई ने तलवार उठाई थी  क्या केवल इन्हीं लम्हों के लिए मंगल पांडे ने फांसी खाई थी  इसी पल के लिए क्या तात्या टोपे और नाना साहेब ने वफादारी निभाई थी ? केवल सिर्फ इतनी सी आजादी के लिए  कंपनी बाग से कोर्ट में वो जनेऊ धारी लड़ गया था  और वह 23 साल का सरदार रंग दे बसंती गा के फांसी चढ़ गया था ? क्या सिर्फ डेढ गज कपड़े के लिए  नेता जी ने हिटलर को आंख दिखाई थी  और क्या बापू ने सिर्फ नोटों पर छपने के लिए बंदूक सीने पे खाई थी ? क्या केवल आत्मकथाओं के पन्ने भरने के लिए  नेहरू जी ने सालों जेलों में बिताई थी  और लाखों क्या केवल इतिहास के पन्नों की भूख को सालों जेलों की हवा खाई थी  और अंत में प्राणों की बाजी खुशी-खुशी अपने वतन के लिए लगाई थी ? आजादी वो है जब पैरों को छालो का डर ना रहे और सच को सवालों का  आजादी वह है जब झुके हुए सरो का मुकद

वो बचपन फिर से याद आया

  चलते-चलते आज मैंने भी फिर से वो गीत गुनगुनाए अपने ही बचपन के नादान किस्से याद कर मन ही मन मुस्कुराए आज बचपन के वो मजेदार दिन फिर से याद आए । काश! वो दिन फिर से लौट आए  ऐसी उम्मीद हम सब लगाए  पानी में वह कागज की कश्ती दौड़ाए  खुले आसमान में बेखौफ पतंग उड़ाए  एक छत से दूसरे छत ऐसे कितने छतो को हम छू आए  बचपन के वो किस्से आज फिर याद आए । वो डांट से बचने के लिए दादा-दादी के पास चले जाना देर रात तक किस्से कहानियों का वो उनको सुनाना हर-पल याद आता है वो प्यार से माँ का लोरी गाना आज हो गया बचपन का हर किस्सा पुराना । उस पल बेखौफ जिंदगी का लुप्त उठाना  बात-बात पर रूठना मनाना  कभी डरना भूतों से कभी भूत बनकर दूसरों को डराना  शोर-गुल के साथ खेलना नाचना गाना  सब कुछ मानो खुला बाजार था  बचपन का हर किस्सा यादगार था  हर लम्हा बड़ा मजेदार था । दिल में ख्वाहिशों का लगा अंबार था  हर दुकान में कुछ ना कुछ पसंद आ जाता मुझे हर बार था  मेरी हर छोटी ख्वाहिश को पूरा करने में लगा मेरा पूरा परिवार था  उस वक्त अपनों में कुछ अनूठा प्यार था  वो स्कूल का वक्त भी तब सबसे मजेदार था । दिल में अच्छाई मन में सच्चाई  और द

हे ईश्वर ! बचा ले तेरे इंसान को।

  तबाही का मंजर देख तेरा इंसान घबरा रहा है यू अंधेरा चारों और छा रहा है सूरज उगे बिना ही ढलता जा रहा है यह कैसा अजीब दौर नजर आ रहा है तेरा इंसान बिन मौत ही मारा जा रहा है। हाँ माना खुदा तू अपनी नाराजगी जता रहा है हमारे ही कर्मों की सजा हमें ही सुना रहा है  हर चीज की कीमत अब हमें समझा रहा है  अब रहम कर तेरा इंसान एक-एक साँस को तरसता जा रहा है।  तेरे सामने यू लाशो का ढेर लगता जा रहा है  क्या हस्ती और क्या बस्ती  यह तो चारों तरफ फैला जा रहा है  तेरा इंसान अंधेरे की और धकेला जा रहा है  वो अपनी गलतियों को समझ पा रहा है  वो यकीनन पछता रहा है  मगर अब बस भी कर ऐ खुदा  यहाँ हर परिवार बिखरता जा रहा है  तेरा इंसान अब लड़खड़ा रहा हैं। वो हिम्मत हारता जा रहा है  वो अकेला पड़ता जा रहा है  तेरे सामने सर झुका रहा है  माफिया माँग अपनी गलतियों की  तुझसे उम्मीद दया की लगा रहा है  अब रहम कर तेरा इंसान तरसता जा रहा है। हाँ हुई गलतियां हमसे  तो माफ करना भी तो तेरा काम है  क्यों रूठ गया इतना हमसे  कि हमारा तुझे मनाना भी मानो नाकाम है  हे ईश्वर तू सर्वशक्तिमान है  तेरा इंसान तो मूर्ख और नादान है  इसे कहा इतनी प