अभी तो कदम बढ़ाया है,
मंजिल तक जाना बाकी है।।
अभी तो पहाड़ पर आया हूँ,
एवरेस्ट पर फतह करना बाकी है।।
अभी तो सूरज की किरणें निकली है,
अभी रोशन जहां को करना बाकी है।।
अभी तो उड़ान शुरू की है,
नील गगन को चूमना बाकी है।।
अभी तो हिम्मत दिखाई है,
अभी बड़ी बड़ी मुश्किलों से लड़ना बाकी है,
मुश्किलों को चूर कर जीत का परचम लहराना बाकी है।।
अभी तो सुगंध आई है,
इन फूलों की खुशबू से वतन को महकाना बाकी है।।
अभी तो शुरू हुई है मेरी कहानी,
इसे हर जुबां पर लाना बाकी है।।
अभी तो किनारे पर हूं,
समुंद्र में डुबकी लगाना बाकी है।।
अभी तो केवल इनकी लहरों से टकराई हूं,
इनकी गहराई से मोती लाना बाकी है।।
अभी तो कलम उठाया है,
अभी इसकी शहाई का रंग दिखाना बाकी है।।
अभी तो पन्नों पर शुरुआत है,
किताबों की कतार लगाना बाकी है।।
अभी उम्मीद जगी है दिल में,
सबमें उम्मीदें जगाना बाकी है,
जगी उम्मीदो से जीवन को महकाना बाकी है।।
अभी तो चिंगारी उठी है,
आग लगाना बाकी है,
आग से हर बुराई को जलाना बाकी है।।
अभी तो सूरज उगा है,
अभी ढलने में वक्त काफी है।।
अभी तो कहानी शुरू हुई है मेरी,
अभी तो बहुत चलना बाकी है,
अपनी कलम से रोशन इस जहां को करना बाकी है।।
साथ आपसब का,
रास्ता उस रब का,
जो मुझे मंजिल तक पहुंचाने में काफी है।।
"अभी तो जिंदगी में बहुत कुछ करना बाकी है"
मंजिल तक जाना बाकी है।।
अभी तो पहाड़ पर आया हूँ,
एवरेस्ट पर फतह करना बाकी है।।
अभी तो सूरज की किरणें निकली है,
अभी रोशन जहां को करना बाकी है।।
अभी तो उड़ान शुरू की है,
नील गगन को चूमना बाकी है।।
अभी तो हिम्मत दिखाई है,
अभी बड़ी बड़ी मुश्किलों से लड़ना बाकी है,
मुश्किलों को चूर कर जीत का परचम लहराना बाकी है।।
अभी तो सुगंध आई है,
इन फूलों की खुशबू से वतन को महकाना बाकी है।।
अभी तो शुरू हुई है मेरी कहानी,
इसे हर जुबां पर लाना बाकी है।।
अभी तो किनारे पर हूं,
समुंद्र में डुबकी लगाना बाकी है।।
अभी तो केवल इनकी लहरों से टकराई हूं,
इनकी गहराई से मोती लाना बाकी है।।
अभी तो कलम उठाया है,
अभी इसकी शहाई का रंग दिखाना बाकी है।।
अभी तो पन्नों पर शुरुआत है,
किताबों की कतार लगाना बाकी है।।
अभी उम्मीद जगी है दिल में,
सबमें उम्मीदें जगाना बाकी है,
जगी उम्मीदो से जीवन को महकाना बाकी है।।
अभी तो चिंगारी उठी है,
आग लगाना बाकी है,
आग से हर बुराई को जलाना बाकी है।।
अभी तो सूरज उगा है,
अभी ढलने में वक्त काफी है।।
अभी तो कहानी शुरू हुई है मेरी,
अभी तो बहुत चलना बाकी है,
अपनी कलम से रोशन इस जहां को करना बाकी है।।
साथ आपसब का,
रास्ता उस रब का,
जो मुझे मंजिल तक पहुंचाने में काफी है।।
"अभी तो जिंदगी में बहुत कुछ करना बाकी है"
Very nice ��������☺️☺️��
ReplyDeleteThank u😊😊
DeleteThank u😊
ReplyDeleteAdd me
ReplyDeleteNice beautiful
ReplyDeleteNice ravina
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeletehey,
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Really motivating poem
ReplyDeleteSupper power , Energetic poem 👌👌👌👌👌👌👌👌👌
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