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तेरे लिए मैं सबकुछ छोड़ आया हूँ (Sacrifice of A Soldier)

ए धरती माँ तेरे लिए मैं अपना सब कुछ छोड़ आया हूं,
मेरी नन्ही सी जिंदगी चिड़िया को महकता छोड़ आया हूं,
किसी की बाहों को अकेला छोड़ आया हूं,
किसी की निगाहों को तरसता छोड़ आया हूं,
ए धरती मां अब तू मुझे गले लगा लेना,
तेरे लिए मैं अपनी आन-बान और शान छोड़ आया हूं II

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किसी के गजरे की खुशबू को महकता छोड़ आया हूं,
मेरे खेत और खलिहान को चहकता छोड़ आया हूं,
मेरी माँ की ममता को तरसता छोड़ आया हूं,
ना जाने मैं अपने कितने दोस्तों और यारों को,
बस तेरी सेवा के लिए छोड़ आया हूं,
मुझे सीने से लगा लेना,
ए धरती मां मैं मेरी माँ को रोते छोड़ आया हूं II

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कितने रिश्तेदारों के वादों को अधूरा छोड़ आया हूं,
मेरी नन्ही सी गुड़िया और गोपाल को अकेला छोड़ आया हूं,
बहन को किया राखी का वादा अधूरा छोड़ आया हूं,
तेरी रक्षा के लिए मैं अपना सब कुछ छोड़ तेरा रक्षक बनने आया हूं,
मुझे अब तो सहारा देना माँ,
मैं तेरे लिए अपनी बहन की राखी का रक्षा कवच छोड़ आया हूं II

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ना जाने कितनों से मुंह मोड़ आया हूं,
तेरे लिए मैं अपना गांव,घर,शहर छोड़ आया हूं,
पिता की उम्मीदों को लेकर अब तेरी शरण में आया हूँ,
तेरे लिए ही तो धरती माँ मैं अपनी पहचान छोड़ आया हूँ,
तब जाकर मैं सच्चा देशभक्त कहलाया हूं,
मेरी लाज अब तू बचा लेना धरती माँ,
क्योंकि इन सब से तेरी रक्षा का वादा कर आया हूं,
बाकी सब मैं तेरे लिये छोड़ आया हूं II 

II तेरे लिए मैं सबकुछ छोड़ आया हूँ II 

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