क्या फर्क पड़ता इससे
बने मंदिर या बने मस्जिद?
क्योंकि दोनों ही रब के सच्चे दरबार है,
आस्था के नाम पर क्यों हो रहा वतन में झगड़ा बार-बार है,
क्यों फट रहे सिर आर-पार है,
वह रब तेरी शक्ति का नहीं तेरी भक्ति का यार है।
क्यों करते भेद लोग गीता और कुरान में ?
लेकिन दोनों ही तो बनी इंसान से,
मानो तो पत्थर में भी भगवान है,
ना मानो तो मंदिर और मस्जिद में भी शैतान है,
यह वतन हमारा है यारों,
इसका हर मंदिर और मस्जिद हमारा ईमान है।
मत करो धर्म पर पाखंड यारों,
देख रहा साथ में राम और रहीमान है,
वह खुदा तो एक ही है हमेशा से,
बस बट गया तू जिस ने बांट दिया भगवान है,
क्या राम और रहीम क्या शंकर भगवान है?
ध्यान से देख तू भी कभी,
"एक ही चांद से सजे हिंदू और मुसलमान हैं"
यह वतन हम सबका है,
यह जमीन हमारी है,
क्यों बांट रहे हो इसको मंदिर और मस्जिद की खातिर,
यह मातृभूमि तो वतन की पहरेदारी है,
चाहे हो! राम राज्य या रहीम की मजार,
आस्था तो मिलेगी दोनों ही द्वार,
गीता और कुरान आपस में कभी नहीं लड़ती यारों,
दोनों बराबर है चाहे राम या रहीम को पुकारो।
ईश्वर प्रेम का प्यासा है पहरेदारो का नहीं,
ईश्वर सत्य का सांचा है असत्य के आधारों का नहीं,
इसलिए अपने वतन की लाज बचाते जाओ,
उसे टूटने और बांटने से बचाओ,
राम और रहीम सब की जय जयकार एक साथ लगाओ,
तभी ईश्वर का सच्चा स्वरूप समझ पाओ,
ईश्वर एक ही है चाहे मंदिर या मस्जिद बनाओ।
बने मंदिर या बने मस्जिद?
क्योंकि दोनों ही रब के सच्चे दरबार है,
आस्था के नाम पर क्यों हो रहा वतन में झगड़ा बार-बार है,
क्यों फट रहे सिर आर-पार है,
वह रब तेरी शक्ति का नहीं तेरी भक्ति का यार है।
क्यों करते भेद लोग गीता और कुरान में ?
लेकिन दोनों ही तो बनी इंसान से,
मानो तो पत्थर में भी भगवान है,
ना मानो तो मंदिर और मस्जिद में भी शैतान है,
यह वतन हमारा है यारों,
इसका हर मंदिर और मस्जिद हमारा ईमान है।
मत करो धर्म पर पाखंड यारों,
देख रहा साथ में राम और रहीमान है,
वह खुदा तो एक ही है हमेशा से,
बस बट गया तू जिस ने बांट दिया भगवान है,
क्या राम और रहीम क्या शंकर भगवान है?
ध्यान से देख तू भी कभी,
"एक ही चांद से सजे हिंदू और मुसलमान हैं"
यह वतन हम सबका है,
यह जमीन हमारी है,
क्यों बांट रहे हो इसको मंदिर और मस्जिद की खातिर,
यह मातृभूमि तो वतन की पहरेदारी है,
चाहे हो! राम राज्य या रहीम की मजार,
आस्था तो मिलेगी दोनों ही द्वार,
गीता और कुरान आपस में कभी नहीं लड़ती यारों,
दोनों बराबर है चाहे राम या रहीम को पुकारो।
ईश्वर प्रेम का प्यासा है पहरेदारो का नहीं,
ईश्वर सत्य का सांचा है असत्य के आधारों का नहीं,
इसलिए अपने वतन की लाज बचाते जाओ,
उसे टूटने और बांटने से बचाओ,
राम और रहीम सब की जय जयकार एक साथ लगाओ,
तभी ईश्वर का सच्चा स्वरूप समझ पाओ,
ईश्वर एक ही है चाहे मंदिर या मस्जिद बनाओ।
Awesome poem
ReplyDeleteThank u so much
DeleteAmezing loem..❤️
ReplyDeleteThank u so much
DeleteGreat
ReplyDeleteThank u my friend.
ReplyDelete🙏
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